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Which are the 7 longest Railway platforms in India in Hindi|भारत के 7 सबसे लंबे रेलवे प्लेटफार्म कौन से हैं?

    ◆ हुबली जंक्शन आधिकारिक तौर पर श्री सिद्धारूधा स्वामी रेलवे स्टेशन , कर्नाटक भारत में स्थित भारतीय रेलवे के दक्षिण पश्चिम जॉन के हुबली रेलवे डिविजन के तहत एक रेलवे जंक्शन स्टेशन है इसके प्लेटफार्म नंबर 1 की लंबाई लगभग 1505 मीटर है।

    ◆ हुबली रेलवे स्टेशन का नाम जो दक्षिण पश्चिम रेलवे का मुख्यालय है उसे पिछले पांच वर्षों में दूसरी बार बदला गया है इससे पहले साल 2015 में “Hubli” to “Hubballi” किया गया था।

    ◆ यह श्री सिद्धारूद्धा स्वामी जी रेलवे स्टेशन , हुबली स्टेशन के नाम से जाना जाता है श्री सिद्धरूधा स्वामी जी भारतीय हिंदू गुरु और दार्शनिक थे सिद्धारूद्धा स्वामी के अनुयायी लंबे समय से हुबली स्टेशन का नाम अपने गुरु के नाम पर रखने की मांग कर रहे थे सिद्धारूद्धा स्वामी की 1929 में हुबली में मौत हो गई थी।

    ◆ डेक्कन हेराल्ड में छपी एक खबर के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम रेलवे ने इस स्टेशन के प्लेटफॉर्म की लंबाई बढ़ाकर 1505 मीटर करने का फैसला किया है जिस पर काम चल रहा है पहले हुबली का प्लेटफॉर्म 550 मीटर लंबा था पहले यह तय किया गया था कि इसकी लंबाई बढ़ाकर 1400 मीटर की जाएगी।


    ◆ गोरखपुर रेलवे स्टेशन भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में शहर गोरखपुर के केंद्र में स्थित है यह उत्तर पूर्व रेलवे के मुख्यालय के रूप में कार्य करता है स्टेशन क्लास A1 रेलवे स्टेशन की सुविधा प्रदान करता है गोरखपुर यार्ड के उद्घाटन के बाद इस स्टेशन की लंबाई लगभग 1355.40 मीटर है गोरखपुर रेलवे स्टेशन उत्तर भारतीय रेलवे का बहुत महत्वपूर्ण जंक्शन है इस स्टेशन पर 10 प्लेटफार्म हैं।

      ◆ नेपाल से सटा पूर्वी उत्‍तर प्रदेश का एक शहर गोरखपूर अपनी एक नई उपलब्धि की वजह से दुनिया में अपना नाम रोशन करने वाला है यहां दुनिया का सबसे लंबा रेलवे प्‍लेटफॉर्म बन कर तैयार हो रहा है इसकी लंबाई 1355 मीटर होगी। अभी तक दुनिया का सबसे लंबा प्‍लेटफॉर्म पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में है जिसकी लंबाई 1072 मीटर है।

      ◆ भारत ही नहीं वल्कि नेपाल के लोग भी गोरखपुर से ही अपनी रेलवे यात्रा शुरू करते हैं दूसरे देशों में जाने के लिए भी प्रतिदिन बड़ी संख्या में नेपाल के नागरिक गोरखपुर पहुंचते हैं सामान्य दिनों में रोजाना हजारों की संख्या में ट्रेन के माध्यम से नेपाल के नागरिक दिल्ली सहित भारत के विभिन्न शहरों में आवागमन करते हैं सीमा पर स्थित नौतनवा रेलवे स्टेशन से होकर वे भारत में प्रवेश करते हैं


      1. ◆ कोल्लम जंक्शन रेलवे स्टेशन केरल के सबसे पुराने रेलवे स्टेशनों में से एक है और इस जंक्शन की लंबाई लगभग 1180.5 मीटर है यह शोरानूर जंक्शन के बाद क्षेत्रफल की दृष्टि से केरल का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन भी है और राज्य के सबसे पुराने रेलवे स्टेशनों में से एक है इस रेलवे स्टेशन पर 6 प्लेटफार्म हैं।

      ◆ खूबसूरती के मामले में न सिर्फ यहां के हिल स्टेशन और स्थल ही ज्यादा महत्वपूर्ण हैं बल्कि यहां के रेलवे स्टेशन भी काफी हद तक सैलानियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते है।

      ◆ केरल का कन्नूर रेलवे स्टेशन राज्य का दूसरा सबसे लंबा रेलवे प्लेटफार्म है और गूगल योजना के तहत वाई-फाई सेवा के लिए चुना गया था यह दक्षिण रेलवे के द्वारा संचालित होता है यहां से आप भारत के विभिन्न राज्यों के लिए रेल सेवा ले सकते हैं यहां कन्नूर और कन्नूर साउथ के नाम से दो रेलवे स्टेशन है इस रेलवे स्टेशन के चार प्लेटफॉर्म हैं


      ◆ खड़गपुर पश्चिम बंगाल में पश्चिम मेदिनीपुर जिले के खड़गपुर उपखंड में एक रेलवे स्टेशन है और इसकी लंबाई लगभग 1072.5 मीटर है इस स्टेशन पर 12 प्लेटफार्म हैं।

        ◆ भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भारत के लिए अपना क्रिकेट करियर शुरू करने से पहले 2000-2003 तक खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर टिकट कलेक्टर के रूप में भी काम किया।

        ◆ मिदनापुर का जिला मुख्यालय फरवरी , 1900 में कोसाई नदी के तट से जुड़ा था कोसाई पर पुल का निर्माण जून , 1901 में पूरा हुआ हावड़ा से कोलाघाट तक पूर्वी तट तक और खड़गपुर से रूपनारायण नदी के पश्चिमी तट तक रेल लाइन 1899 में पूरा हुआ हालांकि हावड़ा और खड़गपुर के बीच ट्रेनें अप्रैल , 1900 में रूपनारायण नदी पर पुल के पूरा होने के बाद ही संभव थीं।


        ◆ पीलीभीत जंक्शन इज्जतनगर रेलवे मंडल का महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है इस प्लेटफार्म की लंबाई लगभग 900 मीटर है इस स्टेशन पर 4 प्लेटफार्म हैं यह स्टेशन उत्तर पूर्वी रेलवे के प्रशासनिक नियंत्रण में है।

          ◆ पीलीभीत रेलवे स्टेशन अब टाइगर जंक्शन के नाम से जाना जाएगा इस स्टेशन का नाम बदलने के प्रस्ताव को पूर्वोत्तर रेलवे के मंडल प्रबंधक ने मंजूरी दे दी है इस बात की पुष्टि पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने की है पीलीभीत के रेलवे स्टेशन को टाइगर जंक्शन कर देने से देश-प्रदेश में पीलीभीत को नई पहचान मिलेगी।

          ◆ पीलीभीत को खास पहचान देने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रेलवे स्टेशन का नाम टाइगर जंक्शन रखने का प्रपोजल रेलवे को भेजा गया था इस प्रपोजल को पूर्वोत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक ने मंजूरी दे दी है।

          1. बिलासपुर रेलवे स्टेशन , छत्तीसगढ़
            ◆ बिलासपुर छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिले का एक शहर है इस प्लेटफार्म की लंबाई लगभग 802 मीटर है यह छत्तीसगढ़ का सबसे व्यस्त स्टेशन भी है इस स्टेशन पर 8 प्लेटफार्म हैं।

          ◆ बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को इंटरनेशनल रेलवे स्टेशन पर मिलने वाली सुविधाएं मिलेंगी रेलवे बोर्ड ने चार महीने पूर्व देश के 400 रेलवे स्टेशनों को इंटरनेशन स्टेशन की तर्ज पर विकसित करने का फरमान जारी किया था इस सूची में प्रदेश के बिलासपुर और रायपुर रेलवे स्टेशन को शामिल गिया गया था रेलवे अधिकारियों ने निर्माण कार्य के लिए टेंडर जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

          ◆ रेलवे बोर्ड के आदेश के बाद जोन स्तर पर इंटरनेशनल रेलवे स्टेशनों की तरह निर्माण कार्य करने के लिए “पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप” के तहत रेलवे स्टेशन को विकसित करने का निर्णय लिया है।

          1. झांसी जंक्शन , उत्तर प्रदेश
            ◆ झांसी जंक्शन रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के झांसी शहर में प्रमुख रेलवे जंक्शन है यह भारत के सबसे व्यस्त और सबसे बड़े रेलवे स्टेशनों में से एक है इसकी लंबाई लगभग 770 मीटर है इसमें 7 प्लेटफॉर्म हैं भारत की पहली शताब्दी एक्सप्रेस नई दिल्ली और झांसी के बीच शुरू हुई थी।

          ◆ भारत की सबसे तेज ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस नई दिल्ली और झांसी के बीच चलती है यह पर्यटकों और व्यापारियों द्वारा उपयोग की जाने वाली एक उच्च प्राथमिकता वाली ट्रेन है।

          ◆ झांसी जंक्शन “द इंडियन मिडलैंड” रेलवे कंपनी के लिए केंद्र बिंदु था जिसने झांसी जंक्शन से सभी दिशाओं में रेडियल लाइन बिछाई और झांसी में बड़ी कार्यशाला का प्रबंधन किया।

          प्रश्न : 2 भारत में पहली बार मेट्रो रेल सेवा कहां से प्रारंभ हुई थी ?

          उत्तर : कोलकाता 1984 ई. में

          प्रश्न : 3 भारत में पहली रेल कब और कहां से कहां तक चली थी ?

          उत्तर : (16 अप्रैल , 1853) मुंबई के बोरीबंदर से थाने तक चली थी।

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